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स्पॉट वेल्डिंग प्रक्रिया
जानें कि स्पॉट वेल्डिंग कैसे काम करती है और इसके अनुप्रयोग क्या हैं
- इलेक्ट्रोड बल: वेल्ड क्षेत्र पर दबाव डालता है
- निचोड़ने का समय: थोड़े समय के लिए दबाव डालता है
- वेल्ड या हीट टाइम: सामग्री को पिघलाने के लिए गर्मी लागू करता है
- धारण समय: वेल्डिंग के बाद दबाव बनाए रखता है
- वेल्ड करंट: वेल्ड खंडों के माध्यम से विद्युत प्रवाह
शीर्ष विशेषताएं:
- प्रयोग करने में आसान
- रंग: नारंगी
- दो कनेक्टर
- संभालना आसान
स्पॉट वेल्डिंग में तांबे के मिश्र धातु इलेक्ट्रोड का उपयोग करके धातु के हिस्सों को आपस में जोड़ने के लिए दबाव और ऊष्मा का प्रयोग किया जाता है। वेल्ड की मजबूती बल, तापमान और इलेक्ट्रोड तथा धातु की सतहों की सफाई पर निर्भर करती है।
स्पॉट वेल्डर वेल्ड की जाने वाली सामग्री, जैसे निकल, को छूने वाले दो तारों के माध्यम से एक उच्च धारा प्रवाहित करता है। गर्म धातु की सतहें फिर ठंडी होने पर आपस में जुड़ जाती हैं।
स्पॉट वेल्डिंग प्रक्रिया में तीन चरण शामिल हैं: इलेक्ट्रोड को धातु की सतह पर लाना, दबाव डालना, और इलेक्ट्रोड से थोड़ी देर के लिए करंट लगाना।
पैकेज में शामिल हैं: 1 x 70B पोर्टेबल वेल्डिंग पेन O/U कनेक्टर
* चित्र केवल चित्रण के लिए हैं; वास्तविक उत्पाद भिन्न हो सकते हैं।